कब अइहन परदेशिया खेलब होली
बिना सजनवा फगुनवा जबुन लागे । केसे लपटी के खेलब होली ।
कब अइहन परदेशिया खेलब होली ।
निरखे डगरिया गुजरिया संवरिया के । अइतन बलम जी खेलती होली ।
कब अइहन परदेशिया खेलब होली ।
बनके बदरिया नजरिया सेजरिया पे । रात भर बरिसे भिंजेला चोली ।
कब अइहन परदेशिया खेलब होली ।
गीतकार - सतीश मापतपुरी
मोबाईल - 9334414611
बुधवार, 10 फ़रवरी 2010
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