बुधवार, 30 दिसंबर 2009

नया साल आ गया

सारे शिकवे -गिले अब भुला दीजिये,नया साल आ गया मुस्कुरा दीजिये ।
हर खता माफ़ करने की रुत आ गयी,है खफा जो उन्हें फिर मना लीजिए ।
नए साल का हम यू स्वागत करे,आओ सब भूल करके मोहब्त करे ।
नफरतों की दीवारे गिरा दीजिये,नया साल आ गया मुस्कुरा दीजिये ।
कीजिये कामना सबके अपने मिले,सबकी आँखों को सुंदर से सपने मिले ।
दो दिलों में रहे ना कोई दूरियां ,इस तरह दिल को दिल से मिला लीजिये ।
सारी धरती पे खुशियों की बरसात हो, ईद का दिन दिवाली की हर रात हो ।
हमसे हमको न कोई जुदा कर सके, इस तरह हाथ अपने मिला लीजिये ।
नया साल आ गया मुस्कुरा दीजिये । ।
नव वर्ष मंगल मय हो
गीतकार -सतीश मापतपुरी

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